धार्मिक और सांस्कृतिक मामलों में, टूटी हुई भगवान की मूर्ति को समर्पित तरीके से सुधारना या उसकी पुनर्निर्माण करना सामान्यत: किया जाता है। इसके लिए कुछ सामान्य चरण हो सकते हैं:
यदि यह संभावना नहीं हो, तो स्थानीय मंदिर अथवा धार्मिक संगठन से सहायता प्राप्त करना एक अच्छा विकल्प हो सकता है।
आधिकारिक धार्मिक और सांस्कृतिक प्रथाओं में भगवान की मूर्तियों का सम्मान करना एक महत्वपूर्ण सिद्धांत है, लेकिन कई बार ऐसा होता है कि ये मूर्तियां टूट जाती हैं और सवार्थ धर्म या स्वच्छंद विचारधारा के कारण लोगों के द्वारा फेंकी जाती हैं। इस विचार में तर्क और विभिन्न दृष्टिकोणों को मध्यस्थ करते हुए हम इस विषय पर चर्चा कर सकते हैं।
1. धार्मिक दृष्टिकोण:
2. सांस्कृतिक आदर्श:
3. आत्म–सांत्वना और आत्म–परिचय:
4. समर्पण और पुनर्निर्माण:
5. सभी धर्मों की समझ:
समाप्ति:
भारतीय सांस्कृतिक और धार्मिक परंपरा में, भगवान और दैत्य, देवी–देवता की मूर्तियों की पूजा एक महत्वपूर्ण प्रथा है। हालांकि, समय के साथ ही कई मूर्तियां पुरानी हो जाती हैं और खंडित हो जाती हैं। इस स्थिति में, इन मूर्तियों का विसर्जन एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है। यहां हम जानेंगे कि खंडित मूर्ति का विसर्जन कैसे किया जा सकता है।
1. समर्पण और आदर:
2. स्थान चयन:
3. पूजा और मन्त्र:
4. प्रदूषण की जाँच:
5. विसर्जन:
6. प्रयासों का समर्थन:
7. पर्यावरण संरक्षण:
8. जागरूकता फैलाएं:
इस प्रकार, सही तरीके से मूर्ति विसर्जन करने से हम प्राकृतिक संतुलन को बनाए रख सकते हैं और धार्मिक परंपरा के अनुसार एक सांस्कृतिक प्रक्रिया का समर्थन कर सकते हैं।
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